12th fail movie review

12th fail movie review 



इस अद्भूत फिल्म का अनुभव करने के बाद, एक बात स्पष्ट हो जाती है - 12वीं के अंकल और टेस्ट पेपर से कहीं ज्यादा रोमांटिक हो सकता है!

फिल्म का अवलोकन:

फिल्म "12वीं फेल" का अवलोकन करने पर हमें सब कुछ मिलता है - प्यार, हंसी, और थोड़ा ग्यान भी। यह किसी अच्छे दोस्त की तरह हमें मुस्कराहट और सोचने का समय देती है।

कहानी:

फिल्म की कहानी में हैरतअंगेज ट्विस्ट है - एक 12वीं फेल छात्र जो अपने प्यार के लिए सफलता की दिशा में अद्भूत संघर्ष करता है। यह उस वक्त की ऊँचाइयों और नीचाइयों की कहानी है जब उसने अपनी शिक्षा को छोड़ दी और अपनी दुनिया को बदलने का निर्णय किया।

अद्वितीय चरित्र:

फिल्म में हमें मिलते हैं कुछ ऐसे किरदार जो हमें हंसी में डाल देते हैं - एक गुमटी वाला दोस्त और एक शैतानी प्रोफेसर! इनका संयोजन फिल्म को और भी रोचक बनाता है।

मुद्दे और संदेश:

फिल्म में छिपे हैं कुछ गहरे मुद्दे जो हमें यह सिखाते हैं कि शिक्षा का मतलब सिर्फ किताबों की जानकारी से ही नहीं, बल्कि जीवन के हर पहलुई से भी होता है।

हंसी भरे लाइन्स:

  • गुमटी वाला दोस्त कहता है - "साला, तूने तो 12वीं की क्लास ही फेल कर दी, प्यार में कैसे सफल होगा?"
  • प्रोफेसर का उपदेश - "जिगर वाले दिल से पढ़ाई कर, नहीं तो दिल वाली गेम में फेल हो जाएगा!"

FAQs:

Q: क्या यह फिल्म सिर्फ 12वीं फेल छात्रों के लिए है?
A: नहीं, यह फिल्म सभी उम्र के लोगों को हंसी और सोचने का समय देने के लिए है।
Q: क्या इसमें संबंधित गाने हैं?
A: हां, फिल्म के साथ कुछ मस्त और मस्त गाने हैं जो आपको नाचने पर मजबूर कर देंगे।

समापन:

"12वीं फेल" एक हंसी भरी यात्रा है जो हमें यह बताती है कि कभी-कभी जिंदगी का सबसे महत्वपूर्ण पाठ, किताबों में नहीं, बल्कि खुद की मिस्टेक्स में छुपा होता है।

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